Monday, November 5, 2018

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भेजा दिल्ली पुलिस को ईमेल

दिल्ली में यमुना नदी पर नवनिर्मित सिग्नेचर ब्रिज(  नई दिल्ली: बिहार की सियासत में क्लाइमेक्स अभी बाकी है. भले ही बिहार एनडीए की की दो सबसे बड़ी पार्टी भाजपा और जदयू ने मिल बैठकर फिफ्टी-फिप्टी फॉर्मूले से सीटों के बंटवारे की गुत्थी को सुलझा लिया हो, मगर रालोसपा प्रमुख बिहार एनडीए की सीटों के बंटवारे की उलझन को और उलझा रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने वोट हासिल करने का जो तरीका अपनाया था, शायद वही तरीका अब उपेंद्र कुशवाहा भी अपना रहे हैं. दरअसल, बिहार के मुजफ्फरपुर में रविवार को उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला और नीच बताए जाने पर नीतीश कुमार से सवाल पूछा. इतना ही नहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से डीएनए रिपोर्ट की भी मांग की है, जिस पर बिहार में चुनाव से पहले खूब माहौल बना था. ) के उद्घाटन समारोह में हुए विवाद के मामले में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ( ) ने दिल्ली पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है.  उन्होंने आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान ( ) के खिलाफ ईमेल के जरिये भेजी शिकायत में गाली देने और गोली मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस जल्द केस दर्ज कर सकती है. समारोह के दौरान आप विधायक अमानतुल्लाह की ओर से मनोज तिवारी को धक्का देने और पुलिसकर्मी से मनोज तिवारी की झड़प के वीडियो भी वायरल हो चुके हैं.
हंगामे के एक दिन बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ही नहीं बल्कि  भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. तिवारी ने तो एक आप विधायक पर धमकी देने और समारोह स्थल पर उनके साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया है. दिल्ली भाजपा के जन संपर्क प्रकोष्ठ के प्रमुख नीलकंठ बक्शी ने बताया कि तिवारी ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को ईमेल के जउपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को कहा कि बढ़े भाई नीतीश कुमार जी, जब एक ही परिवार से आप और हम हैं तो उपेंद्र कुशवाहा नीच कैसे हो गया? मैं नीतीश कुमार से यह जानना चाहता हूं. उन्होंने आगे कहा कि पीएम ने किसी और संदर्भ में डीएनए की बात करी थी (बिहार चुनाव से पहले), पर नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि बाल और नाखून काटकर दिल्ली भेजो, हमारा डीएनए कैसा है. इसकी रिपोर्ट हमें चाहिए. दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान पर गौर किया जाए और नीतीश कुमार के जिस बयान को लेकर वह निशाना साध रहे हैं, उससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने बीजेपी को टारगेट करने के लिए जो रास्ता अपनाया था, अब वही रास्ता उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर दबाव बनाने के लिए अपना रहे हैं. अगर याद हो तो पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को लेकर डीएनए वाला बयान दिया था. जिसके बाद नीतीश कुमार ने इस बयान को बिहार और समूचे बिहारियों से जोड़ दिया था. मतलब स्पष्ट है कि अब नीतीश जिस रास्ते चले थे, अब उन्हीं को टारगेट करने के लिए कुशवाहा भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं. बिहार में विधानसभा के चुनावों के दौरान चुनाव प्रचार में उस वक्त पीएम मोदी के सामने तीन विरोधी थे. नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद और कांग्रेस. इस दौरान नेताओं के बीच जुमलों की खूब बरसात हुई थी और इसी क्रम में डीएनए वाला बयान भी आया था. पीएम मोदी ने जीतन राम मांझी का उल्लेख करते हुए  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था और कहा था कि जब जीतन राम मांझी के साथ बुरा हुआ था, तो मैं बेचैन हो गया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जब एक महादलित के बेटे से सबकुछ छीन लिया तब मुझे लगा कि शायद डीएनए में ही गड़बड़ है.रिये शिकायत दर्ज कराई. बक्शी ने  कहा, ‘‘अपनी शिकायत में, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि रविवार को उद्घाटन समारोह में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने उन्हें धमकी दी.''उन्होंने कहा कि उनके अलावा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आप कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा करने का आरोप लगाया है.खान ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया कि उन्होंने तिवारी को धमकी. उन्होंने कहा कि यह ‘‘हास्यास्पद'' है.तिवारी ने खान पर गोली से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार की घटना के सिलसिले में आप से एक और भाजपा से पांच शिकायतें मिली हैं.

Wednesday, October 17, 2018

为何1000亿美元对最不发达国家至关重要?

最不发达国家( )
被认为是在气候变化面前最脆弱的一群国家。由于生产力低下,经济不发达,没有能力承受极端气候的冲击,这些国家需要得到高度关注及额外的援助。

联合国最不发达国家名单中大部分都是非洲国家,另外还有亚洲和大洋洲的几个国家。

国际社会,尤其是发达国家,曾反复承诺为最不发达国家提供气候资金,却始终没有实质进展。每年的联合国气候变化框架公约( )缔约方会议上,候资金都是谈判的核心议题。

2001年,在马拉喀什举行的第七届缔约方会议( )上,成立了最不发达国家基金( ),目的是帮助这些国家开展国家适应行动计划( ),准备并开展适应性措施。

在48个最不发达国家( )中,几乎所有国家都已制定并提交了各自的预案,然而其中大部分的项目仍在等待资金援助。据联合国气候变化框架公约( )估计,全面落实国家适应行动计( )仍需要20亿美元的资金。

在哥本哈根召开的第15届缔约方会议( )上,发达国家政治上承诺将扩大对发展中国家的经济援助,在2020年之前,每年向发展中国家提供1000亿美元的资助。此外,这些国家还承诺在2010年到2012年间提供300亿美元的资助。

这些年来,这一承诺在某些情况下并没有得到兑现。某些向发展中国家提供的常规发展援助被重复计入了气候援助资金。成立绿色气候资金( )的目的就是为了筹集1000亿美元援助承诺中的大部分资金,但是这一目标却因一次又一次的拖延而受到影响。

最不发达国家需要及时获得援助。首先,最不发达国家是最脆弱、能力最低的国家,因此,公平的资金优先分配权对于支持他们开展适应性措施,逐渐朝着有承受力的未来发展至关重要。这些国家的很多人与社区都已经感受到了气候变化带来的压力,并且备受损失。因此,这一援助应当是传统发展援助之外的补充。此项资金还应该帮助最不发达国家走上低碳发展的道路。

其次,根据公约的规定,应当从这1000亿美元中拨出一部分专门用来帮助最不发达的国家,填补这些国家的资金缺口,从而帮助他们开展国家适应计划( )以及未来的适应项目。适应基金、绿色气候基金以及其他渠道筹措的资金不应大打折扣。

第三,气候资金的分配对于最不发达国家体制、政策、项目、以及吸纳资金应对自身需求等方面的能力建设至关重要。时至今日,很多最不发达国家计划和项目的落实仍然依赖于国际机构。此项基金应当帮助他们建立自身的执行机制。

最后,最不发达国家认为,承诺的气候资金一旦到位,他们就能开始应对气候变化,并且走上可持续的发展道路。落实气候资金能拯救很多人的生命与生计,保障粮食安全,增强未来抵御气候变化的能力。这也就是为什么最不发达国家在气候谈判过程中最关注这个问题的原因。但愿那些做出承诺的援助国能铭记这一点。

Wednesday, September 12, 2018

अखिलेश यादव के M-Y समीकरण को बिगाड़ेंगे शिवपाल?

माजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुस्लिम-यादव ( मतों के दम पर बसपा के साथ हाथ मिलाकर 2019 में मोदी को मात देने का ख्वाब संजोया है. अखिलेश की इस राह में उनके चाचा शिवपाल यादव ही सबसे बड़ा रोड़ा बनकर खड़े हो गए हैं. सपा से नाता तोड़कर समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने के बाद से शिवपाल सपा के M-Y समीकरण में सेंधमारी में जुट गए हैं.
बता दें कि यूपी में 20 फीसदी मुस्लिम और 12 फीसदी यादव मतदाता सपा का मूल वोट बैंक माना जाता है. इन्हीं दोनों समुदाय के वोटबैंक के दम पर मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव तक सत्ता के सिंहासन तक पहुंचे. अब इस वोटबैंक पर शिवपाल यादव की नजर है. sex
शिवपाल यादव का समाजवादी सेकुलर मोर्चा सपा के रुठे नेताओं का ठिकाना बनता जा रहा है. इसमें भी खासकर यादव और मुस्लिम नेताओं का शिवपाल के मोर्चे से जुड़ने का सिलसिला जारी है. सपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष रहे फरहत मियां भी सेकुलर मोर्चा से जुड़ गए हैं.
पूर्व सांसद रामसिंह, इटावा से दो बार के पूर्व सांसद रघुराज शाक्य, डुमरियागंज सीट से पांच बार के विधायक यूसुफ मलिक समाजवादी सेकुलर मोर्चा में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा जिला और विधानसभा स्तर से सपा नेता अखिलेश का साथ छोड़कर शिवपाल के साथ जुड़ रहे हैं.
शिवपाल यादव ने अपने 9 प्रवक्ताओं की लिस्ट में भी तीन मुस्लिम और 2 यादव समुदाय के नेताओं को जगह दी है. इतना ही नहीं अखिलेश सरकार में मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ला और शादाब फातिमा भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं.
शिवपाल यादव के मोर्चा का स्वरूप कैसा होगा. इसकी तस्वीर अब साफ होती नजर आ रही है. उन्होंने मौजूदा राजनीतिक मिजाज को समझते और मुस्लिम मतदाताओं को अपने साथ जोड़े रखने के मद्देनजर बीजेपी में जाने के कयासों पर विराम लगाते हुए समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने का फैसला किया है.
फरहत मियां ने आजतक से कहा कि मौजूदा दौर में सपा और बीजेपी के बीच कोई फर्क नहीं रह गया है. बीजेपी भी मंदिर की बात करती है और अखिलेश यादव भी. मुलायम सिंह यादव के मूल सिद्धांतों से पार्टी बहक चुकी है. पार्टी में नेताजी का सम्मान नहीं हो रहा है, ऐसे सपा में रहते हुए दम घुट रहा था. इसी के मद्देनजर हमने समाजवादी सेकुलर मोर्चा से जुड़ने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव के नेतृत्व में बना मोर्चा समाज के दबे, कुचले, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और किसान की आवाज बनेगा और इन्हीं के मुद्दों को लेकर चलेगा. इसी सिद्धांत को लेकर नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने सपा का गठन किया था.
फरहत मिया ने कहा कि यादव और मुस्लिम समुदाय के हर मुसीबत में शिवपाल यादव उनके बीच खड़े रहते हैं. ऐसे में ये दोनों समुदायों के बीच उनकी अहमियत काफी है. मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सभी समुदाय के लोगों को बराबर का सम्मान मिलेगा.
बता दें कि मुलायम सिंह के सपा अध्यक्ष रहते हुए शिवपाल यादव पार्टी के सर्वेसर्वा हुआ करते थे. सपा के सत्ता में रहते हुए शिवपाल मदद की आस लेकर आए यादव समुदाय के लोगों की मदद के लिए आगे रहते थे. यही वजह है कि पार्टी संगठन से लेकर यादव समुदाय के बीच उनकी बेहतर और मजबूत पकड़ रही. इसी का नतीजा है कि उनके सपा छोड़ने के बाद मंगलवार को लखनऊ में हुए कार्यक्रम में यादव समुदाय की अच्छी खासी भीड़ जुटी.
यही नहीं उनके समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने पर यादव और मुस्लिम समुदाय के लोगों की ओर से लगाई बधाई होर्डिंग से साफ समझा जा सकता है. इतना ही नहीं वे लगातार यादव और मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुटे हैं.
मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में शिवपाल यादव की अच्छी पकड़ है. यही सपा का मजबूत गढ़ भी है. ऐसे में शिवपाल ने 2019 में सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अखिलेश यादव के लिए शिवपाल यादव नई मुसीबत बनते जा रहे हैं.
शिवपाल यादव की राजनीतिक गतिविधियों पर सपा नजर लगाए हुए हैं. किसी तरह के विवाद से बचने के लिए सपा नेताओं को पार्टी आलाकमान की ओर से चुप रहने के लिए कहा गया है. यही वजह है कि जब हमने इस संबंध में सपा प्रवक्ताओं से बातचीत करनी चाहिए तो किसी ने भी सीधे जवाब नहीं दिया.
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामेई ने शिवपाल यादव पर सीधे जवाब देने के बजाय उन्होंने कहा कि 2019 की लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है. एक तरफ संघ और बीजेपी हैं जबकि दूसरी ओर जनता है. इसका अलावा कोई और नहीं है. हमारी पहली प्राथमिकता बीजेपी को 2019 में सत्ता से बाहर करना है. यूपी के उपचुनाव से ये सिलसिला शुरू हो चुका हैं, जहां सीएम और डिप्टी सीएम को अपनी सीट गवांनी पड़ी.

Friday, September 7, 2018

जेफ्री कहते हैं कि सीरिया में सात साल से जारी गृहयुद्ध को

खत्म करने के लिए बड़ी "राजनयिक पहल" करनी होगी.
उन्होंने कहा कि जबतक सीरिया में आईएसआईएस का खात्मा नहीं हो जाता और सीरियाई सरकार का समर्थन करने वाले ईरान के लड़ाके अपने देश वापस नहीं लौट जाते, तब तक डोनल्ड ट्रंप सीरिया की स्थिति पर नज़र बनाए रखेंगे.फ्री ने कहा कि सीरिया की "कमान ज़्यादा दिन तक राष्ट्रपति असद के हाथ में नहीं रहेगी". हालांकि जेफ्री ने साफ़ किया कि असद को सत्ता से बेदखल करने का काम अमरीका का नहीं है.
उन्होंने कहा कि अमरीका, सीरिया में राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया में रूस के साथ मिलकर काम करेगा.
जेफ्री ने कहा, "सीरिया की सरकार इस वक्त लाशों के ढेर पर बैठी है और उसके पास सिर्फ़ आधे सीरिया का कब्ज़ा है."
सीरियाई सरकार ने सहयोगी रूस के हवाई हमलों और ईरान समर्थित हज़ारों लड़ाकों की मदद से देश के बाकी हिस्से में विद्रोहियों को उखाड़ फेंका है. इसलिए इदलिब सीरिया युद्ध का आखिरी पड़ाव है.
माना जाता है कि इदलिब में 30 हज़ार से ज़्यादा विद्रोही और जिहादी लड़ाके मौजूद हैं.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इदलिब में 29 लाख लोग रहते हैं जिनमें से क़रीब 10 लाख बच्चे हैं. इस शहर के अधिकतर बाशिंदे विद्रोहियों के कब्ज़े वाले अन्य इलाकों से भागकर आए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक इदलिब पर हमले से आठ लाख लोग विस्थापित हो सकते हैं. ऐसे में एक बड़ा मानवीय संकट खड़ा होने का खतरा है. शहूर अमरीकी पत्रकार बॉब वुडवर्ड की नई किताब में दावा किया गया है कि डोनल्ड ट्रंप ने एक बार अमरीकी रक्षा मंत्रालय को सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की हत्या के आदेश दिए थे.
वुडवर्ड की इस किताब किताब का नाम 
किताब में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने कई संवेदशील काग़ज़ात ट्रंप से सिर्फ़ इसलिए छिपा कर रखे ताकि कहीं वो उन पर दस्तख़त न कर दें.
किताब में ये भी लिखा है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्रंप को 'झूठा' और बेवकूफ़ कहा था. डवर्ड एक बेहद प्रतिष्ठित पत्रकार हैं. उन्होंने 1970 के दशक में वॉटरगेट स्कैम में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की भूमिका सामने लाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.
सबसे पहले इस किताब के कुछ अंश वॉशिंगटन में प्रकाशित हुए. इसके अगले दिन न्यूयॉर्क टाइम्स में इस विषय पर व्हाइट हाउस के एक अज्ञात वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से एक लेख छपा. लेख में अधिकारी ने कहा है कि प्रशासन की समस्याओं की जड़ राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की अनैतिकता है.
किताब के मुताबिक़, अप्रैल 2017 में सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पेंटागन को सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की हत्या के इंतज़ाम करने के निर्देश दिए थे.
किताब में दावा किया गया है कि जेम्स मैटिस पहले ट्रंप की गुज़ारिश मान गए थे लेकिन बातचीत के बाद उन्होंने अपने एक सहयोगी से कहा कि वो 'इनमें से कुछ' भी नहीं करेंगे.
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में और अपने ट्वीट्स में किताब के दावों को पूरी तरह ख़ारिज किया है. उन्होंने बुधवार को मीडिया से कहा, "ऐसा कभी नहीं सोचा गया और नहीं ऐसा कभी सोचा जाएगा."
उन्होंने वुडवर्ड की पूरी किताब को ही 'मनगढ़ंत' बताया है. रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने भी किताब को किसी की 'बढ़िया कल्पनाओं से प्रेरित' बताया है.
है, जिसमें ट्रंप प्रशासन की कड़ी समीक्षा की गई है.
किताब में रक्षामंत्री जैम्स मैटिस के हवाले से कहा गया कि 2017 में सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद ट्रंप ने असद को जान से मारने की मांग की थी.
हालांकि, ट्रंप ने इस सारे दावों को झूठा बताया है और कहा है कि ये सारे बातें लोगों को बरगलाने के लिए लिखी गई हैं.
ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से 'कभी चर्चा ही नहीं की.' जेम्स मैटिस ने भी किताब के दावों को ख़ारिज किया है.
जापान ने घोषणा की है कि फ़ुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विकिरण की चपेट में आने से किसी पहले कर्मचारी की मौत हुई है.
50 वर्षीय शख़्स की मौत फेफड़ों के कैंसर से हुई है और 2016 में उनके कैंसर का पता चला था.
जापान सरकार ने पहले स्वीकार किया था कि विकिरण से चार कर्मचारी बीमार हुए थे लेकिन पहली बार किसी मौत की पुष्टि की गई है.
मार्च 2011 में 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी के बाद फ़ुकुशिमा परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचा था.
जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर संयंत्र का कूलिंग सिस्टम नष्ट हो गया था और रेडियोएक्टिव पदार्थ लीक हुए थे.
जिस कर्मचारी की मृत्यु हुई है वह 1980 से परमाणु ऊर्जा स्टेशन में काम कर रहे थे और जब यह हादसा हुआ तब वह फ़ुकुशिमा नंबर एक प्लांट के विकिरण मापने के इंचार्ज थे.
जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि संयंत्र में नुकसान के बाद उन्होंने वहां दो बार काम किया था और उन्होंने मास्क एवं सुरक्षात्मक सूट भी पहना था.
रेडियोलॉजिस्ट् और अन्य विशेषज्ञों के पैनल के विचार जानने के बाद मंत्रालय ने पीड़ित के परिवार को मुआवज़ा देने की बात कही है.
1986 में चेरनोबिल में परमाणु हादसे के बाद फ़ुकुशिमा की घटना दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु हादसे की घटना थी.
भूकंप और सुनामी के कारण तकरीबन 18,500 लोगों की मौत हुई या वह ग़ायब हो गए और 1,60,000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा.
परमाणु संयंत्र हादसे में सीधे तौर पर किसी की मौत नहीं हुई थी लेकिन इसका परिचालन करने वाली टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी कई मुआवज़े के दावों का सामना कर रही है.

Tuesday, September 4, 2018

गुटखा घोटाला: CBI ने चेन्नई में तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री और के घर समेत 40 ठिकानों पर मारे छापे

चेन्नई: गुटखा घोटाले के सिलसिले में चेन्नई में 40 ठिकानों पर  ने सघन तलाशी अभियान शुरू किया है. मोगाप्पैर में तमिलनाडु के  टीके राजेंद्रन, मदुरावोयाल के निकट पूर्व  एस. जॉर्ज, स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर तथा अन्य पुलिस अधिकारियों के घरों की भी तलाशी ली जा रही है.
दोस्त ने मजाक-मजाक में दिया लड़की को पानी मेंसोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसको देखकर हर कोई हैरान है. नदी में देखा होगा कि जिसको पानी से डर लगता है उसको पानी में धकेल देते हैं. ताकी वो भी उनके साथ एन्जॉय करें. लेकिन वॉशिंगटन के वेनकूवर में ऐसा हादसा हुआ जिसने सभी के होश उड़ा दिए. एक दोस्त ने लड़की को 60 फूट ऊंचे ब्रिज से पानी में धका दे दिया. जिससे उसके फेफड़ों और पसलियों में चोट लग गई. 10 सेकंड का ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

जब किसानों के साथ धान की रोपाई करने खेत में पहुंचे इस राज्य के मुख्यमंत्री,  हो रहा वायरल

 
फिल्मों की सुपरहिट एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे के नए वीडियो ने धमाल कर दिया है. यूट्यूब क्वीन के नाम से मशहूर आम्रपाली दुबे (  ) की स्टेज परफॉर्मेंस ने धमाल मचा दिया है, और आम्रपाली ने भी दिखा दिया है कि डांस के साथ अदाएं दिखाना उन्हें बखूबी आता है. आम्रपाली दुबे इस वीडियो में  2018 में परफॉर्म कर रही हैं. भोजपुरी की सुपरस्टार ने ग्रीन कलर की लहंगा-चोली पहन रखी है और वे कहर बरपा रही हैं. आम्रपाली दुबे की परफॉर्मेंस के दौरान भोजपुरी सिनेमा के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' (   भी एंट्री मारते हैं, और दोनों मिलकर परफॉर्म करते हैं.  की खबर के मुताबिक, दोस्तों के साथ 16 वर्षीय जॉर्डन हॉलगरसन लेविस रिवर में घूमने आई थी. वहां मजाक-मजाक में एक दोस्त ने जॉर्डन को मजाक-मजाक में 60 फूट ऊंचे ब्रिज से धक्का दे दिया. जॉर्डन ने कहा- ''मैं ब्रिज के ऊपर गई, मेरे साथ दोस्त भी मौजूद थे. सभी काउंटडाउन कर रहे थे. मैंने कहा- आउंट मत करो, क्योंकि मैं तैयार नहीं हूं, जिसके बाद मेरी एक दोस्त ने धक्का दे दिया.''

 ट्रैफिक के बीच तूफान की तरह चलाई घोड़े ने गाड़ी, पास तक न आ सका कोई

बता दें, ये ब्रिज काफी प्रसिद्ध है. यहां लोग पानी में कूदने के लिए आते हैं. लेकिन जॉर्डन सिर के बल गिरीं. जिसकी वजह से ये हादसा हुआ. उनके फेफड़ों और पसलियों में गंभीर चोटें आई हैं. जिस दोस्त ने धक्का दिया उन्होंने इसके लिए माफी मांगी है. जॉर्डन फिलहाल अस्पताल में हैं और उनका इलाज चल रहा है. कुछ महीनों में वो ठीक हो जाएंगी. 
धक्का, जिसके बाद हुआ खतरनाक हादसा आम्रपाली दुबे और निरहुआ ने 'सिपाही' फिल्म के गाने पर डांस किया है और दोनों के लटके-झटके बहुत ही कमाल के हैं. आम्रपाली दुबे ने तो खूब ठुमके लगाए हैं. इस गाने को ओम झा और आम्रपाली दुबे न ने गाया है. IBFA 2018 को डिशुम पर दिखाया गया है, और पूरे अवार्ड शो का प्रसारण इस पर किया गया था. लेकिन आम्रपाली दुबे एक बार फिर अपनी अदाओं से दिल जीतने में सफल रही हैं.
हाल ही में निरहुआ और आम्रपाली की फिल्म 'निरहुआ हिंदुस्तानी 3 ( 3)' का फर्स्ट लुक भी रिलीज हुआ है, और पोस्टर में आम्रपाली दुबे मराठी अंदाज में दिखी हैं. निरहुआ देसी शॉर्ट्स पहने कॉमिक अंदाज में नजर आए. निरहुआ एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की इस फिल्म के डायरेक्टर मंजुल ठाकुर हैं. मंजुल ने 'निरहुआ हिंदुतानी 2' का भी निर्देशन किया था. फिल्म दुर्गा पूजा पर रिलीज होगी. आम्रपाली दुबे और निरहुआ की जोड़ी 'निरहुआ चलल लंदन' में भी नजर आएगी.भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ( ) को अपने फैन्स से रू-ब-रू होने में बहुत मजा आता है. अक्षरा सिंह के लिए कभी अपने सोशल मीडिया एकाउंट का सहारा लेती हैं तो कभी वे यूट्यूब पर फैन्स के सवालों के जवाब देती हैं. लेकिन उनके डांस वीडियो तो अकसर धमाल मचाने का काम करते हैं. ऐसा ही भोजपुरी की सुपरस्टार अक्षरा सिंह ने अपने नए वीडियो से किया है. इस वीडियो में अक्षरा सिंह जमकर अपनी अदाएं दिखा रही हैं, और उनके डांस जितने ही प्यारे उनके एक्सप्रेशंस भी हैं जो उनकी भोजपुरी फिल्मों के फैन्स को खूब पसंद आ रहे हैं. अक्षरा सिंह इस वीडियो में 'चढ़ता जवानी मेरी चाल मस्तानी' पर मस्त अंदाज में जलवे दिखा रही हैं. अक्षरा के एक्सप्रेशंस और डांस को देखकर उनके फैन्स भी क्रेजी हो गए हैं. अक्षरा के इस वीडियो की फैन्स ने दिल खोलकर तारीफ की है. फैन्स ने कहा है कि क्या खूब लगती हो बड़ी सुंदर देखती हो. इसी तरह उनके इस वीडियो की जमक तारीफ की गई है. वैसे भी अंजना सिंह को इस तरह की तारीफ लूटना खूब आता है.
अक्षरा सिंह ने भोजपुरी में कई हिट फिल्में दी हैं और उनके लाइव स्टेज परफॉर्मेंस पर हजारों दर्शक उन्हें देखने के लिए मौजूद होते हैं. हाल ही में अक्षरा का सावन पर गाया गाना 'भाग जाईब ससुरा से...' काफी वायरल हुआ. इस गाने में अक्षरा सिंह ने जिस तरह का डांस किया है और गायकी की है, वह दोनों ही कमाल के हैं. यही बातें इस गाने को खास भी बनाती हैं. वैसे भी वे समय-समय पर धमाकेदार फिल्मों के साथ ऑडियंस को एंटरटेन करती रहती हैं.

Saturday, September 1, 2018

美国官员担心从中国进口的狗粮存在安全问题

本周在华盛顿召开的听证会上,美国食品专家表示担心中国出口的狗粮存在安全问题。

美国“食品与水观察”组织的资深说客托尼•考尔伯说:“我们还不清楚为什么人们的爱犬会接连生病甚至生命垂危。”

美国国会就中国食品安全问题在华盛顿特区召开听证会,考尔伯发言称,最新危险来自“中国的肉干”,这种进口食品已导致很多狗生病甚至死亡。

2012年4月,美国食品药品管理局( )派专员到生产这种狗粮的中国工厂进行检查,随后他们向中国政府申请带回部分样品,但遭到拒绝。

为对中国进口食品加强监管,专家小组治理与推进《食品安全现代化法》。该法案旨在预防安全问题,而非进行善后处理。对此考尔伯指出,这一新法案未得到全面实施,也就是说食品药品管理局仅对2%的进口食品进行了检查。

主席谢罗德•布朗参议员询问从中国进口的哪些食品、药品对美国人的健康威胁最大,专门小组认为是医疗设备,因为管理机构“未对相关生产流程进行有效监管”。

国家免疫和呼吸系统疾病中心主管安妮•舒查特指出,中国公共卫生系统已有所改善,透明度正在提高。她说,自SARS等大规模传染性疾病爆发以来,中国与美国公共卫生机构的合作取得了很大进展。

然而,美国对外关系委员会负责全球卫生问题的资深研究员黄延忠认为,在传染性疾病的诊断与溯源方面,中国政府的“中央和地方机构缺乏配合”。至于透明度能否进一步提高,他“并不乐观”,因为他认为领导人最关心的还是社会政治稳定,近期中国之所以会与国际机构合作应对H7N9病毒,是因为“同期没有非常重要的社会政治问题需要处理”。

Thursday, August 30, 2018

英伦热议:习近平要军队对党保持"绝对忠诚"

中国领导人习近平对军队领导人讲话,呼吁军队要"绝对忠诚"。中央电视台在周日晚间播出习近平穿军装讲话,并和站立鼓掌的军队高级将领握手的消息。
习近平说,党的领导和党的建设是解放军建设发展的关键,关系强军事业兴衰成败,关系党和国家长治久安。他还指出,坚持党对军队绝对领导是解放军加强党的政治建设的首要任务。
自习近平2012年担任最高领导人以来,加强了对军队的控制。担任中央军委主席的习近平对解放军的掌控超过了他任何一位前任。
但英国《卫报》报道说,习近平强调军队忠诚可能显示了某种不安全感。他此次在中央军委党建会议上讲话时,中国政治圈内出现对习近平的批评,诸如说他处理经济不当,中国出现疫苗健康丑闻,以及同美展开贸易战等问题。
澳洲国立大学的中国问题专家倪凌超在《卫报》报道中说,解放军是习近平面对批评保持绝对领导的最后手段,因为枪杆子握在习近平手中,批评声音很难有实际效果。
倪凌超还说,习近平一直强调军队忠诚意味着他可能在军队中遇到某些反对,他没有安全感,因此他要保持特别警觉。
中国有世界规模最大的正规军,而且这支军队正在经历雄心勃勃的现代化改造。习近平在6年前掌握最高权力以来,军队也是习近平反腐运动的一个主要焦点。习近平反复警告腐败给国家和中共带来的危险,并亲自掌握军中的反腐运动。已经有数十位高级军队领导人接受腐败调查和判处监禁,其中包括两位中央军委的前副主席徐才厚和郭伯雄。
在周日结束的这次中央军委会议上,习近平还说,反腐工作要继续,深入进行,不会停止。习近平在努力反腐的同时还致力于军队现代化,争取增强解放军在东海和南海有争议海域以及太平洋投送兵力的能力。
最近美国国防部报告指,解放军有核攻击能力的远程轰炸机可能为攻击美国和盟国的目标进行攻击训练,强调中国在南海的军事危险。
五角大楼的报告还注意到能力经过迅速提升的解放军的潜艇部队。《澳大利亚人报》的评论说,澳大利亚海军老旧的柯林级潜艇被法国潜艇取代仍然需要很长一段时间,因此中国的迅速提升的水下作战能力特别令澳大利亚担心。
该报评论说,中国努力令其战机尽快取得核攻击能力,而且中国正在研发的隐型远程战略轰炸机可能在10年内进入部署阶段,使解放军取得陆海空三位一体的核威慑

Thursday, August 16, 2018

意大利热那亚高架桥垮塌的三种可能原因

意大利西北部城市热那亚( )一条行车高架桥倒塌,至今造成最少39人死亡,当局仍在努力搜索生还者。
这条称为莫兰迪桥(  )的公路桥总长约1.2公里,在1967年建成,横跨一个工业区和数条铁路。路透社引述目击者说,大桥在周二(8月14日)倒塌时当地天气十分恶劣,而且外界其实一早知道大桥的结构有问题,因此当局一直为它进行维修。
外界对意外成因议论纷纷,BBC访问了一些工程学专家,探讨这条大桥倒塌的可能原因。
负责维修大桥的承建商据报当时正在维修大桥,加固它的地基,工程进行的同时承建商有紧密监测大桥的情况。
英国结构工程师学会前主席弗思( )接受BBC访问时指出,莫兰迪桥这种大型基建经常需要由专业工程师作检查及维修。他认为大桥倒塌的时候虽然有工程在进行,外界仍然不知道有关详情,因此未能确定是否造成意外的原因。
但弗思指出,过去曾发生因为大桥保养欠佳而倒塌的事例。“维修工作目的大多是防止基建老化”,当局对莫兰迪桥进行维修正是因为这个原因。大利热那亚大学(Genoa University)结构工程师布伦奇克( )认为,莫兰迪桥的设计本身有问题,这是因为大桥的设计师里卡尔多‧莫兰迪( )错误计算钢筋混凝土老化的速度。
布伦奇克形容里卡尔多‧莫兰迪是一名有“深思熟虑的工程师,但欠缺实际考量”。
布伦奇克说,莫兰迪桥要被拆掉重建只是时间的问题,当局在上世纪90年代曾对大桥作维修,但费用高昂。他认为,相比起不断花钱维护大桥,重建它可能更划算。
莫兰迪桥的设计与位于委内瑞拉的马拉开波湖大桥(Lake Maracaibo bridge)类似,它也是由卡尔多‧莫兰迪设计。弗思指,马拉开波湖大桥同样有问题,令它的维修开支比正常水平高。但他强调,目前仍不能断言莫兰迪桥倒塌的原因。
莫兰迪桥是意大利一条主要干道的组成部份,每年通行的汽车约有2500万架次,连接意大利北部与法国。这样繁忙的交通可能加剧了大桥的老化速度。
一家意大利公路公司  l' 在2011年发表报告指,大桥每天的繁忙时间都有大量车流,引致大桥“严重老化”。

Monday, August 13, 2018

美国优先”,气候让路

众所周知,特朗普总统曾表示,气候变化是一场“骗局”。而最近发布的特朗普政府美国优先预算蓝图将把气候变化否定论变成美国的一项国策。新政府毫不掩饰自己的意图。先是环境保护署署长斯科特·普鲁伊特否认二氧化碳是全球变暖的主因。接着,行政管理与预算局主管米克·马尔瓦尼宣称:“至于气候变化……我们不会再在那方面花钱了。我们认为那是浪费你们大家的钱。”

如果特朗普总统的预算案正式生效,联邦政府将基本停止一切国内和国际的减排行动,削减大多数气候科学研究,终止开发高能效和可再生能源技术,并不再帮助相关社区预防并适应暴风、洪水、干旱以及其他气候变化影响。

这是一份“污染者优先”的预算,而不是一份“美国优先”预算。

特朗普削减气候变化预算的做法不仅不计后果,而且是短视的。正如在其他很多方面一样,特朗普的预算是对包括其支持者在内的数百万美国人民的背叛。国会必须否决这份预算。

向碳减排说再见?


特朗普政府的预算将EPA的预算总额削减了31%,是所有主要政府机构中预算削减最大的。这将导致EPA开展的重要气候变化工作几乎丧失全部资金支持。具体来说,预算蓝图将“停止为清洁能源计划、国际气候变化项目、气候变化研究与合作伙伴项目以及相关工作提供资金”,从而削减大约1亿美元的资金。

预算还将大幅削减国务院的气候行动资金,违反美国对国际社会做出的气候承诺。此外,预算将“削减美国与绿色气候基金相关的资金投入”,而这些资金有助于发展中国家采用更清洁的能源,以降低这些国家日益增长的碳排放并应对气候变化的影响。预算方案还将取消对乔治·W·布什政府2008年利用两党支持建立的气候投资基金的支持。在这份预算案下,美国将放弃其在全球清洁能源竞赛中的领先地位。

气候科研遭到重创

在国会听证会上,环保署署长普鲁伊特以及其他内阁提名成员以气候科学仍非定论为由,回避讨论气候变化相关的问题。这等于宣告我们需要继续深化对于气候变化成因和效应的研究。

但这份预算打算把政府各层面的此类研究项目几乎全部砍掉。

美国国家航空航天局(NASA)的预算将削减1.02亿美元,该机构以地球为中心的思路将被扭转,并将“终止四项地球科学项目”——监控气候变化与海洋的PACE项目;监控大气碳浓度的OCO-3项目;测量大气温度的 探路者计划;以及监控天气模式和臭氧水平的深空气候天文台( )卫星的地球观测设备。理由是, 应该更多面向外太空,放弃针对地球的计划。

预算还提出大幅削减对美国海洋暨大气总署(NOAA)卫星数据部门的资金支持。该部门负责支持天气预报工作,帮助我们更好地追踪海啸登陆、龙卷风以及严重的风暴,并提供干旱、山火等灾害的预警。

预算案将大幅削减
能源部(DOE)研究预算,并取消能源部高级研究计划署(ARPA-E),而该署的工作刚刚得到新任能源部长里克·佩里的特别表扬。总体来看,除去核武器项目之外,能源部预算将被砍近18%,而其应用研究项目也将被砍45%。
特朗普政府的预算案将砍掉EPA研发办公室近一半的经费,这可能会导致该机构对于美国全球气候研究项目的贡献彻底清零——这个政府各部门联合参与的气候科学项目近期刚刚受到美国国家科学院的高度赞扬。

EPA遭到削减的科学经费主要针对的是成果科学(STAR)项目这类竞争性申报项目的经费。通过这一项目渠道支付的拨款一般流向全国各地的科研机构,以拓展EPA的科研能力,其中包括保护空气和水资源不受极端事件破坏的项目。举例来说,俄勒冈州立大学正在研究如何在降水密集的雨季更好地预测下水道流量,以更好地应对在气候变化背景下日益常见的强降水。这一问题影响着700多个美国城市。

气候适应项目被大幅削减

预算案还打算大幅削减用于向受气候变化影响的人口和社区提供帮助的经费。预算将取消一系列灾害预防和灾后重建项目,从旨在帮助沿海社区更好地应对海平面上升的
NOAA项目,到帮助建设可以抵抗强风暴的学校、医院和警察局的联邦应急管理署项目。

预计将被砍掉的气候相关的EPA项目中包括美国墨西哥边境项目,一个旨在改善亚利桑那州道格拉斯、德克萨斯州拉雷多等边境社区健康、安全和灾害应对能力的双边合作项目。边境项目已经支持了加州帝王谷等地的儿童健康项目,为当地的低收入家长提供指导,帮助他们更好地应对儿童哮喘。边境墙无法保护美国儿童免受空气和水污染以及气候变化影响的伤害。

内政部和森林管理局的森林保护项目也几乎被全部废除。这些项目对于保护美国的自然遗产,确保野生动植物可以在气候变化影响下存活至关重要。

能源战略大开倒车

特朗普政府的预算案对提高能源效率和发展可再生能源不利,却对造成污染的化石能源亮起绿灯,这将损害美国消费者的利益。这份预算将废除EPA和DOE发起的、已经获得广泛成功的
能源之星自发能效标识项目。该项目虽然需要每年投资5000万美元,但却可以为消费者每年节约超过300亿美元的电费。

受到威胁的DOE能效项目包括房屋节能改造补助项目( 每年可以提供8500个就业岗位并节约3.4亿美元能源成本),以及电器与设备标准项目(每年为普通家庭节约500美元电费)。

与此同时,内政部将批准更多污染性能源项目,在公用土地和离岸水域资源上“为工业企业提供开发权”。

肮脏的空气、不安全的饮用水或者不稳定的气候没有写在美国人民的选票上。这份否定气候变化事实的预算案忽略了公众的意愿,给我们带来巨大的风险。国会必须否定这份预算案,并在今年稍后编制预算案的过程中将美国人民的健康和安全放在首位。

Friday, August 10, 2018

'लंदन से अगवा कर सेक्स के धंधे में धकेला'

अन्ना (बदला हुआ नाम) रोमानिया से पढ़ाई का इरादा लेकर लंदन आई थी. आँखों में बड़े-बड़े सपने थे, लेकिन लगभग खाली थी.
यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने से पहले उनके लिए पैसे कमाने ज़रूरी थे. इरादे पक्के थे, इसलिए उन्होंने वेट्रेसिंग, साफ़-सफ़ाई करने वाली से लेकर मैथ के ट्यूटर तक का काम किया.
लेकिन फिर मार्च 2011 में एक दिन उन्हें एक सड़क से अगवा कर लिया गया. अपहरणकर्ता उन्हें आयरलैंड ले गए और फिर अगले 9 महीने तक अन्ना ने जो कुछ झेला वो किसी नर्क से कम नहीं था.
अन्ना बस अपने घर पहुँचने ही वाली थी. वो लंच करने के लिए घर लौट रहीं थी और फिर कुछ आराम करने के बाद साफ़-सफ़ाई करने के लिए उन्हें अगले काम पर जाना था. उन्होंने हैडफ़ोन लगाए थे और बेयोन्से का गाना सुन रही थीं. कमरे का दरवाज़ा खोलने के लिए वो पर्स से चाबियां निकालने ही जा रही थी कि तभी पीछे से किसी ने उनकी गर्दन पकड़ी और मुंह बंद करते हुए घसीटते हुए लाल रंग की कार में धकेल दिया.
अगवा करने वाले तीन लोग थे- दो पुरुष और एक महिला. वो अन्ना को तमाचे मार रहे थे और रोमानिया की ज़ुबान में उसे धमकियां दे रहे थे. अपहरणकर्ताओं ने अन्ना को रोमानिया की ज़ुबान में धमकी दी, "चीखो नहीं, चुपचाप रहो और जो कहा जाए वो करो, वरना रोमानिया में तुम्हारे परिवार को मार दिया जाएगा."
अन्ना बताती हैं, "मुझे नहीं पता था कि क्या हो रहा है और वे मुझे कहाँ लेकर जा रहे हैं. मेरे मन में तमाम ख़याल चल रहे थे, कहीं वो अंग बेचने वाला गिरोह तो नहीं है या मुझे देह व्यापार में तो नहीं धकेल दिया जाएगा. या फिर कहीं वो मेरी हत्या तो नहीं कर देंगे. भगवान जाने क्या होगा?"
वे अन्ना के पर्स की तलाशी ले रहे थे. उन्होंने अन्ना का फ़ोन भी खंगाला और कॉन्टैक्ट लिस्ट के अलावा फ़ेसबुक फ्रेंड्स तक सब कुछ देख डाला. फिर उन्होंने अन्ना का पासपोर्ट भी ले लिया.
अन्ना को पता था कि कार से भाग निकलने का कोई रास्ता नहीं था, लेकिन जब वो एयरपोर्ट पर पहुँचे तो उसके साथ सिर्फ़ एक ही शख्स रह गया था, उसे लगा कि क्या यहाँ पर बचने का कोई मौका है और क्या वो एयरपोर्ट के स्टाफ़ से मदद की गुहार लगा सकती है?
अन्ना कहती हैं, "जब आप बुरी तरह डरे हुए हो तो चिल्लाना भी मुश्किल होता है. उनके पास मेरे कागज थे, वो जानते थे कि मेरी माँ कहाँ हैं, वो मेरे बारे में सब कुछ जानते थे."
चेक-इन डेस्क पर वो रो रही थी और उसका चेहरा लाल था, लेकिन काउंटर पर खड़ी महिला कर्मचारी ने शायद इस पर ध्यान नहीं दिया. जब अन्ना के साथ चल रहे व्यक्ति ने उनके पासपोर्ट दिए, वो (महिला कर्मचारी) मुस्कुराई और उन्हें बोर्डिंग पास सौंप दिए.
अपहरणकर्ता ने ऐसे दिखाया कि जैसे वो पति-पत्नी हों और फिर विमान में सबसे पीछे की सीट पर जाकर बैठ गए. उस शख्स ने अन्ना को धमकी दी कि चीखे-चिल्लाए नहीं वर्ना वो उसे मार देगा.
अन्ना ने विमान के कैप्टन का अनाउंसमेंट सुना कि विमान आयरलैंड में एक एयरपोर्ट के लिए उड़ रहा है- अन्ना ने उस जगह के बारे में पहले कभी नहीं सुना था. जब वो विमान से उतर रही थी ति उसका चेहरा आँसुओं से पूरी तरह भीगा हुआ था, लेकिन जैसा कि चेक-इन डेस्क पर हुआ, उतरते हुए भी क्रू मेंबर्स के चेहरों पर मुस्कुराहट थी.
इस बार अन्ना ने तय किया कि वह एयरपोर्ट से भाग निकलेगी, लेकिन जिस जगह वो पहुँचे थे तो तकरीबन बस अड्डे जितना निकला. वहाँ उसका इंतज़ार रोमानिया के दो अन्य नागरिक कर रहे थे.
उन दोनों में से मोटा दिख रहा शख्स बोला, "ये अच्छी दिख रही है."
तब जाकर अन्ना को अहसास हुआ कि उसे क्यों अगवा किया गया है. अन्ना बताती हैं, "मुझे तब पता चल गया था कि मैं बिकने जा रही हूँ."
वो दोनों व्यक्ति उसे एक गंदे से फ्लैट में लेकर गए. कमरा बदबू से भरा हुआ था और शराब, सिगरेट और पसीने की गंध से महक रहा था. ड्राइंग रूम में बैठे व्यक्ति सिगरेट और शराब पी रहे थे और टेबल पर रखे एक दर्जन से अधिक फ़ोन लगातार घनघना रहे थे. लड़कियां कम कपड़ों में या लगभग नग्न ड्राइंग रूम से सटे कमरों में आ-जा रही थीं.
फिर एक औरत ने कुछ पुरुषों की मदद से अन्ना के कपड़े जबरन उतरवा दिए और अंडरवेयर में उनकी तस्वीरें उतारी ताकि इनका विज्ञापन इंटरनेट पर किया जा सके. उसके कई नाम रखे गए. अब वो नतालिया, लारा, रशेल और रूबी थी और उसका देश लात्विया, पोलैंड और हंगरी था.
उसे हज़ारों मर्दों के साथ सेक्स के लिए मजबूर किया गया. अन्ना ने कई महीनों तक दिन की रोशनी नहीं देखी. उन्हें तब ही सोने की इजाज़त थी, जब कोई ग्राहक न हो. ग्राहकों के आने का कोई वक्त नहीं था और एक दिन में इनकी तादाद 20 तक होती थी. किसी-किसी दिन तो अन्ना को खाना भी नसीब नहीं होता था और उसे ब्रेड या रोटी के टुकड़े पर ही गुजारा करना होता था.
खाना नहीं मिलने और नींद पूरी नहीं होने से अन्ना का वज़न तेज़ी से गिरा और दिमाग़ ने भी काम करना बंद कर दिया था.
चार महीने बीत चुके थे, तभी एक दिन फ्लैट पर पुलिस का छापा पड़ा और वहाँ मौजूद सभी लड़कियों को गिरफ़्तार कर लिया गया. कमाल ये था कि जो लोग (मर्द और औरतें) ये धंधा चला रहे थे, वो पुलिस के आने से पहले ही लैपटॉप और कैश लेकर फरार हो चुके थे. अन्ना हैरानी जताती हैं कि वो पुलिस के छापे के बारे में पहले से कैसे जानते थे?
बहरहाल, अन्ना इस गिरफ़्तारी से ख़ुश थी. उन्हें इस बात का पक्का यकीन था कि पुलिस ये मानेगी कि वे पीड़ित हैं, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी. गिरफ़्तार हुई चारों महिलाओं ने पूरी रात हवालात में गुजारी. फिर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. ये महिलाएं जब कोर्ट से बाहर निकल रही थी तो बाहर फिर एक कार दरवाजे खोले उनका इंतज़ार कर रही थी.