Wednesday, September 12, 2018

अखिलेश यादव के M-Y समीकरण को बिगाड़ेंगे शिवपाल?

माजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुस्लिम-यादव ( मतों के दम पर बसपा के साथ हाथ मिलाकर 2019 में मोदी को मात देने का ख्वाब संजोया है. अखिलेश की इस राह में उनके चाचा शिवपाल यादव ही सबसे बड़ा रोड़ा बनकर खड़े हो गए हैं. सपा से नाता तोड़कर समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने के बाद से शिवपाल सपा के M-Y समीकरण में सेंधमारी में जुट गए हैं.
बता दें कि यूपी में 20 फीसदी मुस्लिम और 12 फीसदी यादव मतदाता सपा का मूल वोट बैंक माना जाता है. इन्हीं दोनों समुदाय के वोटबैंक के दम पर मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव तक सत्ता के सिंहासन तक पहुंचे. अब इस वोटबैंक पर शिवपाल यादव की नजर है. sex
शिवपाल यादव का समाजवादी सेकुलर मोर्चा सपा के रुठे नेताओं का ठिकाना बनता जा रहा है. इसमें भी खासकर यादव और मुस्लिम नेताओं का शिवपाल के मोर्चे से जुड़ने का सिलसिला जारी है. सपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष रहे फरहत मियां भी सेकुलर मोर्चा से जुड़ गए हैं.
पूर्व सांसद रामसिंह, इटावा से दो बार के पूर्व सांसद रघुराज शाक्य, डुमरियागंज सीट से पांच बार के विधायक यूसुफ मलिक समाजवादी सेकुलर मोर्चा में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा जिला और विधानसभा स्तर से सपा नेता अखिलेश का साथ छोड़कर शिवपाल के साथ जुड़ रहे हैं.
शिवपाल यादव ने अपने 9 प्रवक्ताओं की लिस्ट में भी तीन मुस्लिम और 2 यादव समुदाय के नेताओं को जगह दी है. इतना ही नहीं अखिलेश सरकार में मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ला और शादाब फातिमा भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं.
शिवपाल यादव के मोर्चा का स्वरूप कैसा होगा. इसकी तस्वीर अब साफ होती नजर आ रही है. उन्होंने मौजूदा राजनीतिक मिजाज को समझते और मुस्लिम मतदाताओं को अपने साथ जोड़े रखने के मद्देनजर बीजेपी में जाने के कयासों पर विराम लगाते हुए समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने का फैसला किया है.
फरहत मियां ने आजतक से कहा कि मौजूदा दौर में सपा और बीजेपी के बीच कोई फर्क नहीं रह गया है. बीजेपी भी मंदिर की बात करती है और अखिलेश यादव भी. मुलायम सिंह यादव के मूल सिद्धांतों से पार्टी बहक चुकी है. पार्टी में नेताजी का सम्मान नहीं हो रहा है, ऐसे सपा में रहते हुए दम घुट रहा था. इसी के मद्देनजर हमने समाजवादी सेकुलर मोर्चा से जुड़ने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव के नेतृत्व में बना मोर्चा समाज के दबे, कुचले, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और किसान की आवाज बनेगा और इन्हीं के मुद्दों को लेकर चलेगा. इसी सिद्धांत को लेकर नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने सपा का गठन किया था.
फरहत मिया ने कहा कि यादव और मुस्लिम समुदाय के हर मुसीबत में शिवपाल यादव उनके बीच खड़े रहते हैं. ऐसे में ये दोनों समुदायों के बीच उनकी अहमियत काफी है. मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सभी समुदाय के लोगों को बराबर का सम्मान मिलेगा.
बता दें कि मुलायम सिंह के सपा अध्यक्ष रहते हुए शिवपाल यादव पार्टी के सर्वेसर्वा हुआ करते थे. सपा के सत्ता में रहते हुए शिवपाल मदद की आस लेकर आए यादव समुदाय के लोगों की मदद के लिए आगे रहते थे. यही वजह है कि पार्टी संगठन से लेकर यादव समुदाय के बीच उनकी बेहतर और मजबूत पकड़ रही. इसी का नतीजा है कि उनके सपा छोड़ने के बाद मंगलवार को लखनऊ में हुए कार्यक्रम में यादव समुदाय की अच्छी खासी भीड़ जुटी.
यही नहीं उनके समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने पर यादव और मुस्लिम समुदाय के लोगों की ओर से लगाई बधाई होर्डिंग से साफ समझा जा सकता है. इतना ही नहीं वे लगातार यादव और मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुटे हैं.
मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में शिवपाल यादव की अच्छी पकड़ है. यही सपा का मजबूत गढ़ भी है. ऐसे में शिवपाल ने 2019 में सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अखिलेश यादव के लिए शिवपाल यादव नई मुसीबत बनते जा रहे हैं.
शिवपाल यादव की राजनीतिक गतिविधियों पर सपा नजर लगाए हुए हैं. किसी तरह के विवाद से बचने के लिए सपा नेताओं को पार्टी आलाकमान की ओर से चुप रहने के लिए कहा गया है. यही वजह है कि जब हमने इस संबंध में सपा प्रवक्ताओं से बातचीत करनी चाहिए तो किसी ने भी सीधे जवाब नहीं दिया.
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामेई ने शिवपाल यादव पर सीधे जवाब देने के बजाय उन्होंने कहा कि 2019 की लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है. एक तरफ संघ और बीजेपी हैं जबकि दूसरी ओर जनता है. इसका अलावा कोई और नहीं है. हमारी पहली प्राथमिकता बीजेपी को 2019 में सत्ता से बाहर करना है. यूपी के उपचुनाव से ये सिलसिला शुरू हो चुका हैं, जहां सीएम और डिप्टी सीएम को अपनी सीट गवांनी पड़ी.

Friday, September 7, 2018

जेफ्री कहते हैं कि सीरिया में सात साल से जारी गृहयुद्ध को

खत्म करने के लिए बड़ी "राजनयिक पहल" करनी होगी.
उन्होंने कहा कि जबतक सीरिया में आईएसआईएस का खात्मा नहीं हो जाता और सीरियाई सरकार का समर्थन करने वाले ईरान के लड़ाके अपने देश वापस नहीं लौट जाते, तब तक डोनल्ड ट्रंप सीरिया की स्थिति पर नज़र बनाए रखेंगे.फ्री ने कहा कि सीरिया की "कमान ज़्यादा दिन तक राष्ट्रपति असद के हाथ में नहीं रहेगी". हालांकि जेफ्री ने साफ़ किया कि असद को सत्ता से बेदखल करने का काम अमरीका का नहीं है.
उन्होंने कहा कि अमरीका, सीरिया में राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया में रूस के साथ मिलकर काम करेगा.
जेफ्री ने कहा, "सीरिया की सरकार इस वक्त लाशों के ढेर पर बैठी है और उसके पास सिर्फ़ आधे सीरिया का कब्ज़ा है."
सीरियाई सरकार ने सहयोगी रूस के हवाई हमलों और ईरान समर्थित हज़ारों लड़ाकों की मदद से देश के बाकी हिस्से में विद्रोहियों को उखाड़ फेंका है. इसलिए इदलिब सीरिया युद्ध का आखिरी पड़ाव है.
माना जाता है कि इदलिब में 30 हज़ार से ज़्यादा विद्रोही और जिहादी लड़ाके मौजूद हैं.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इदलिब में 29 लाख लोग रहते हैं जिनमें से क़रीब 10 लाख बच्चे हैं. इस शहर के अधिकतर बाशिंदे विद्रोहियों के कब्ज़े वाले अन्य इलाकों से भागकर आए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक इदलिब पर हमले से आठ लाख लोग विस्थापित हो सकते हैं. ऐसे में एक बड़ा मानवीय संकट खड़ा होने का खतरा है. शहूर अमरीकी पत्रकार बॉब वुडवर्ड की नई किताब में दावा किया गया है कि डोनल्ड ट्रंप ने एक बार अमरीकी रक्षा मंत्रालय को सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की हत्या के आदेश दिए थे.
वुडवर्ड की इस किताब किताब का नाम 
किताब में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने कई संवेदशील काग़ज़ात ट्रंप से सिर्फ़ इसलिए छिपा कर रखे ताकि कहीं वो उन पर दस्तख़त न कर दें.
किताब में ये भी लिखा है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्रंप को 'झूठा' और बेवकूफ़ कहा था. डवर्ड एक बेहद प्रतिष्ठित पत्रकार हैं. उन्होंने 1970 के दशक में वॉटरगेट स्कैम में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की भूमिका सामने लाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.
सबसे पहले इस किताब के कुछ अंश वॉशिंगटन में प्रकाशित हुए. इसके अगले दिन न्यूयॉर्क टाइम्स में इस विषय पर व्हाइट हाउस के एक अज्ञात वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से एक लेख छपा. लेख में अधिकारी ने कहा है कि प्रशासन की समस्याओं की जड़ राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की अनैतिकता है.
किताब के मुताबिक़, अप्रैल 2017 में सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पेंटागन को सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की हत्या के इंतज़ाम करने के निर्देश दिए थे.
किताब में दावा किया गया है कि जेम्स मैटिस पहले ट्रंप की गुज़ारिश मान गए थे लेकिन बातचीत के बाद उन्होंने अपने एक सहयोगी से कहा कि वो 'इनमें से कुछ' भी नहीं करेंगे.
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में और अपने ट्वीट्स में किताब के दावों को पूरी तरह ख़ारिज किया है. उन्होंने बुधवार को मीडिया से कहा, "ऐसा कभी नहीं सोचा गया और नहीं ऐसा कभी सोचा जाएगा."
उन्होंने वुडवर्ड की पूरी किताब को ही 'मनगढ़ंत' बताया है. रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने भी किताब को किसी की 'बढ़िया कल्पनाओं से प्रेरित' बताया है.
है, जिसमें ट्रंप प्रशासन की कड़ी समीक्षा की गई है.
किताब में रक्षामंत्री जैम्स मैटिस के हवाले से कहा गया कि 2017 में सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद ट्रंप ने असद को जान से मारने की मांग की थी.
हालांकि, ट्रंप ने इस सारे दावों को झूठा बताया है और कहा है कि ये सारे बातें लोगों को बरगलाने के लिए लिखी गई हैं.
ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से 'कभी चर्चा ही नहीं की.' जेम्स मैटिस ने भी किताब के दावों को ख़ारिज किया है.
जापान ने घोषणा की है कि फ़ुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विकिरण की चपेट में आने से किसी पहले कर्मचारी की मौत हुई है.
50 वर्षीय शख़्स की मौत फेफड़ों के कैंसर से हुई है और 2016 में उनके कैंसर का पता चला था.
जापान सरकार ने पहले स्वीकार किया था कि विकिरण से चार कर्मचारी बीमार हुए थे लेकिन पहली बार किसी मौत की पुष्टि की गई है.
मार्च 2011 में 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी के बाद फ़ुकुशिमा परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचा था.
जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर संयंत्र का कूलिंग सिस्टम नष्ट हो गया था और रेडियोएक्टिव पदार्थ लीक हुए थे.
जिस कर्मचारी की मृत्यु हुई है वह 1980 से परमाणु ऊर्जा स्टेशन में काम कर रहे थे और जब यह हादसा हुआ तब वह फ़ुकुशिमा नंबर एक प्लांट के विकिरण मापने के इंचार्ज थे.
जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि संयंत्र में नुकसान के बाद उन्होंने वहां दो बार काम किया था और उन्होंने मास्क एवं सुरक्षात्मक सूट भी पहना था.
रेडियोलॉजिस्ट् और अन्य विशेषज्ञों के पैनल के विचार जानने के बाद मंत्रालय ने पीड़ित के परिवार को मुआवज़ा देने की बात कही है.
1986 में चेरनोबिल में परमाणु हादसे के बाद फ़ुकुशिमा की घटना दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु हादसे की घटना थी.
भूकंप और सुनामी के कारण तकरीबन 18,500 लोगों की मौत हुई या वह ग़ायब हो गए और 1,60,000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा.
परमाणु संयंत्र हादसे में सीधे तौर पर किसी की मौत नहीं हुई थी लेकिन इसका परिचालन करने वाली टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी कई मुआवज़े के दावों का सामना कर रही है.

Tuesday, September 4, 2018

गुटखा घोटाला: CBI ने चेन्नई में तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री और के घर समेत 40 ठिकानों पर मारे छापे

चेन्नई: गुटखा घोटाले के सिलसिले में चेन्नई में 40 ठिकानों पर  ने सघन तलाशी अभियान शुरू किया है. मोगाप्पैर में तमिलनाडु के  टीके राजेंद्रन, मदुरावोयाल के निकट पूर्व  एस. जॉर्ज, स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर तथा अन्य पुलिस अधिकारियों के घरों की भी तलाशी ली जा रही है.
दोस्त ने मजाक-मजाक में दिया लड़की को पानी मेंसोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसको देखकर हर कोई हैरान है. नदी में देखा होगा कि जिसको पानी से डर लगता है उसको पानी में धकेल देते हैं. ताकी वो भी उनके साथ एन्जॉय करें. लेकिन वॉशिंगटन के वेनकूवर में ऐसा हादसा हुआ जिसने सभी के होश उड़ा दिए. एक दोस्त ने लड़की को 60 फूट ऊंचे ब्रिज से पानी में धका दे दिया. जिससे उसके फेफड़ों और पसलियों में चोट लग गई. 10 सेकंड का ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

जब किसानों के साथ धान की रोपाई करने खेत में पहुंचे इस राज्य के मुख्यमंत्री,  हो रहा वायरल

 
फिल्मों की सुपरहिट एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे के नए वीडियो ने धमाल कर दिया है. यूट्यूब क्वीन के नाम से मशहूर आम्रपाली दुबे (  ) की स्टेज परफॉर्मेंस ने धमाल मचा दिया है, और आम्रपाली ने भी दिखा दिया है कि डांस के साथ अदाएं दिखाना उन्हें बखूबी आता है. आम्रपाली दुबे इस वीडियो में  2018 में परफॉर्म कर रही हैं. भोजपुरी की सुपरस्टार ने ग्रीन कलर की लहंगा-चोली पहन रखी है और वे कहर बरपा रही हैं. आम्रपाली दुबे की परफॉर्मेंस के दौरान भोजपुरी सिनेमा के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' (   भी एंट्री मारते हैं, और दोनों मिलकर परफॉर्म करते हैं.  की खबर के मुताबिक, दोस्तों के साथ 16 वर्षीय जॉर्डन हॉलगरसन लेविस रिवर में घूमने आई थी. वहां मजाक-मजाक में एक दोस्त ने जॉर्डन को मजाक-मजाक में 60 फूट ऊंचे ब्रिज से धक्का दे दिया. जॉर्डन ने कहा- ''मैं ब्रिज के ऊपर गई, मेरे साथ दोस्त भी मौजूद थे. सभी काउंटडाउन कर रहे थे. मैंने कहा- आउंट मत करो, क्योंकि मैं तैयार नहीं हूं, जिसके बाद मेरी एक दोस्त ने धक्का दे दिया.''

 ट्रैफिक के बीच तूफान की तरह चलाई घोड़े ने गाड़ी, पास तक न आ सका कोई

बता दें, ये ब्रिज काफी प्रसिद्ध है. यहां लोग पानी में कूदने के लिए आते हैं. लेकिन जॉर्डन सिर के बल गिरीं. जिसकी वजह से ये हादसा हुआ. उनके फेफड़ों और पसलियों में गंभीर चोटें आई हैं. जिस दोस्त ने धक्का दिया उन्होंने इसके लिए माफी मांगी है. जॉर्डन फिलहाल अस्पताल में हैं और उनका इलाज चल रहा है. कुछ महीनों में वो ठीक हो जाएंगी. 
धक्का, जिसके बाद हुआ खतरनाक हादसा आम्रपाली दुबे और निरहुआ ने 'सिपाही' फिल्म के गाने पर डांस किया है और दोनों के लटके-झटके बहुत ही कमाल के हैं. आम्रपाली दुबे ने तो खूब ठुमके लगाए हैं. इस गाने को ओम झा और आम्रपाली दुबे न ने गाया है. IBFA 2018 को डिशुम पर दिखाया गया है, और पूरे अवार्ड शो का प्रसारण इस पर किया गया था. लेकिन आम्रपाली दुबे एक बार फिर अपनी अदाओं से दिल जीतने में सफल रही हैं.
हाल ही में निरहुआ और आम्रपाली की फिल्म 'निरहुआ हिंदुस्तानी 3 ( 3)' का फर्स्ट लुक भी रिलीज हुआ है, और पोस्टर में आम्रपाली दुबे मराठी अंदाज में दिखी हैं. निरहुआ देसी शॉर्ट्स पहने कॉमिक अंदाज में नजर आए. निरहुआ एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की इस फिल्म के डायरेक्टर मंजुल ठाकुर हैं. मंजुल ने 'निरहुआ हिंदुतानी 2' का भी निर्देशन किया था. फिल्म दुर्गा पूजा पर रिलीज होगी. आम्रपाली दुबे और निरहुआ की जोड़ी 'निरहुआ चलल लंदन' में भी नजर आएगी.भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ( ) को अपने फैन्स से रू-ब-रू होने में बहुत मजा आता है. अक्षरा सिंह के लिए कभी अपने सोशल मीडिया एकाउंट का सहारा लेती हैं तो कभी वे यूट्यूब पर फैन्स के सवालों के जवाब देती हैं. लेकिन उनके डांस वीडियो तो अकसर धमाल मचाने का काम करते हैं. ऐसा ही भोजपुरी की सुपरस्टार अक्षरा सिंह ने अपने नए वीडियो से किया है. इस वीडियो में अक्षरा सिंह जमकर अपनी अदाएं दिखा रही हैं, और उनके डांस जितने ही प्यारे उनके एक्सप्रेशंस भी हैं जो उनकी भोजपुरी फिल्मों के फैन्स को खूब पसंद आ रहे हैं. अक्षरा सिंह इस वीडियो में 'चढ़ता जवानी मेरी चाल मस्तानी' पर मस्त अंदाज में जलवे दिखा रही हैं. अक्षरा के एक्सप्रेशंस और डांस को देखकर उनके फैन्स भी क्रेजी हो गए हैं. अक्षरा के इस वीडियो की फैन्स ने दिल खोलकर तारीफ की है. फैन्स ने कहा है कि क्या खूब लगती हो बड़ी सुंदर देखती हो. इसी तरह उनके इस वीडियो की जमक तारीफ की गई है. वैसे भी अंजना सिंह को इस तरह की तारीफ लूटना खूब आता है.
अक्षरा सिंह ने भोजपुरी में कई हिट फिल्में दी हैं और उनके लाइव स्टेज परफॉर्मेंस पर हजारों दर्शक उन्हें देखने के लिए मौजूद होते हैं. हाल ही में अक्षरा का सावन पर गाया गाना 'भाग जाईब ससुरा से...' काफी वायरल हुआ. इस गाने में अक्षरा सिंह ने जिस तरह का डांस किया है और गायकी की है, वह दोनों ही कमाल के हैं. यही बातें इस गाने को खास भी बनाती हैं. वैसे भी वे समय-समय पर धमाकेदार फिल्मों के साथ ऑडियंस को एंटरटेन करती रहती हैं.

Saturday, September 1, 2018

美国官员担心从中国进口的狗粮存在安全问题

本周在华盛顿召开的听证会上,美国食品专家表示担心中国出口的狗粮存在安全问题。

美国“食品与水观察”组织的资深说客托尼•考尔伯说:“我们还不清楚为什么人们的爱犬会接连生病甚至生命垂危。”

美国国会就中国食品安全问题在华盛顿特区召开听证会,考尔伯发言称,最新危险来自“中国的肉干”,这种进口食品已导致很多狗生病甚至死亡。

2012年4月,美国食品药品管理局( )派专员到生产这种狗粮的中国工厂进行检查,随后他们向中国政府申请带回部分样品,但遭到拒绝。

为对中国进口食品加强监管,专家小组治理与推进《食品安全现代化法》。该法案旨在预防安全问题,而非进行善后处理。对此考尔伯指出,这一新法案未得到全面实施,也就是说食品药品管理局仅对2%的进口食品进行了检查。

主席谢罗德•布朗参议员询问从中国进口的哪些食品、药品对美国人的健康威胁最大,专门小组认为是医疗设备,因为管理机构“未对相关生产流程进行有效监管”。

国家免疫和呼吸系统疾病中心主管安妮•舒查特指出,中国公共卫生系统已有所改善,透明度正在提高。她说,自SARS等大规模传染性疾病爆发以来,中国与美国公共卫生机构的合作取得了很大进展。

然而,美国对外关系委员会负责全球卫生问题的资深研究员黄延忠认为,在传染性疾病的诊断与溯源方面,中国政府的“中央和地方机构缺乏配合”。至于透明度能否进一步提高,他“并不乐观”,因为他认为领导人最关心的还是社会政治稳定,近期中国之所以会与国际机构合作应对H7N9病毒,是因为“同期没有非常重要的社会政治问题需要处理”。